Amritpal Singh Biography in Hindi |अमृतपाल सिंह जीवन परिचय, पत्नी, परिवार, खालिस्तान, जन्म, नेट वर्थ, गिरफ्तार, विवाद, विकी, News, 2023, Amritpal Singh Sindhu, Amritpal Singh Wikipeda, Khalistan, Punjab Police, GuruDuara, Sikh
इस लेख में हम जानेंगे अमृतपाल सिंह सिंधु के बारे में जो एक कट्टरपंथी भारतीय खालिस्तानी अलगाववादी है और यह अपने आप को सीख उपदेशक मानते हैं. अमृतपाल सिंह करीब 10 वर्ष दुबई में रहने के बाद वह सितंबर 2022 में पंजाब वापस आए थे. और पंजाब आते ही वारिस पंजाब डे जिसका मतलब शाब्दिक रूप से पंजाब के वारिस के नेता के रूप में नियुक्त किए गए. अमृतपाल सिंह जीवन की बायोग्राफी (Amritpal Singh) के बारे में विस्तार में.
Table of Contents
कौन है अमृतपाल सिंह ? (Who is Amritpal Singh ?)
अमृतपाल सिंह सिद्धू वर्तमान में बारिश पंजाब दे संगठन के प्रमुख है. इस संगठन को अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिंधु द्वारा स्थापित किया गया था. लेकिन पिछले साल फरवरी में एक दुर्घटना में दीप सिद्धू की मृत्यु हो जाने के कारण. अमृतपाल सिंह सिद्धू दुबई से आते ही इस संगठन का प्रमुख बन गए.
और एकाएक चर्चा में आ गए, वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख सिंधु तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने पिछले बार गणतंत्र दिवस पर किसान विरोध के प्रदर्शन में लाल किला में प्रवेश कर तिरंगा के जगह अपने संगठन का झंडा लहराया था. इस हिंसक प्रदर्शन के कारण दीप सिद्धू को गिरफ्तार भी किया गया था.
दीप सिद्धू की दुर्घटना में हुई मौत के कारण अमृतपाल सिंह सिंधु जब संगठन के प्रमुख बने तब उन्होंने एक अभियान शुरू किया था जिसमें पंजाब के युवाओं को जो युवा ड्रग्स जैसे नशीली पदार्थ से जैसे लत में फंसे हैं उन लोगों का उद्धार और सही रास्ता में लाना था. इस अभियान के कारण उन्हें पंजाब और भारत के अन्य बहुत सारे हिस्से में भी बहुत बड़ी अनुयाई बना दिया गया. उनका उद्देश्य यही है की वह चाहते हैं कि पंजाब में सिख धर्म रक्षा करना और पंजाब को एक अलग सिख राज्य ( खालिस्तान) बनाना है.
भारतीय खुफिया एजेंसी के सूत्रों का दावा है कि अमृतपाल सिंह को इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) द्वारा समर्थित किया गया है और उन्होंने आनंदपुर खालसा खोज (AKF) की नाम से एक निधि मिलिशिया की स्थापना करते हुए हथियारों का भी भंडारा किया है.
आपको बता दें कि मार्च 2023 में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर अमृतपाल सिंह और उनके सहयोगी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही जी शुरू की है.
अमृतपाल सिंह के जीवन परिचय (Amritpal Singh Biography in Hindi)
नाम (Name ) | अमृतपाल सिंह सिंधु (AmritPal Singh Sindhu ) |
प्रचलित नाम (Famous Name ) | भाई अमृतपाल सिंह, अमृतपाल सिंह खालसा, अमृतपाल सिंह बाकला वाले |
पिताजी का नाम (Father’s Name ) | तरसेम सिंह (Tarsem Singh ) |
माता जी का नाम (Mother’s Name) | बलविंदर कौर (Balbinder Kour ) |
भाई बहन (Brothers Sister ) | उनके एक बड़े भाई और दो जुड़वा बहनें हैं |
जन्मतिथि (Date of Birth ) | 17 जनवरी 1993 (18-Jan-1993) |
गृहनगर (Home Town ) | जल्लूपुर खेरा बाबा बकाला अमृतसर पंजाब भारत |
जन्मदिन | 17 जनवरी |
शिक्षा (Qualification ) | 12वीं तक की पढ़ाई |
राशिफल (Zodiac Signs ) | कुंभ राशि |
धर्म (Religion ) | सीख (Sikh) |
राष्ट्रीयता (Nationality ) | भारतीय (Indian) |
पेशा(Occupations ) | वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status ) | विवाहित (Married ) |
अमृतपाल सिंह की शरीर की विशेषता (Amritpal Singh Body Structures )
लंबाई (Hight ) | 5 फिट 11 इंच (5”11) |
वजन (Weight ) | 75 किलो (75 KG) |
बालों का रंग (hair Color ) | काला (Black) |
आंखों का रंग (eye color ) | गहरे भूरा ((Deep brown ) |
अमृतपाल सिंह का जन्म और प्रारंभिक जीवन (Amritpal Singh Birth & Early Life )
अमृतपाल का जन्म 17 जनवरी 1993 में उनके भारत के पंजाब राज्य में अमृतसर के जल्लूपुर खेरा बाबा बकाला गांव में हुई है. उनके पिता के नाम तरसेम सिंह और माता बलविंदर कौर के सबसे छोटे संतान के रूप में हुई है, इनके परिवार बहुत ही धार्मिक आस्था ( सिख धर्म ) के लिए जाने जाते हैं.
उनके चाचा हरजीत सिंह सिंधु यूनाइटेड किंगडम यूके जाने से पहले 10 साल तक अपने गांव का सरपंच( मुखिया ) रहे थे. अमृतपाल सिंह ने अपने प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव से ही की और उन्होंने दसवीं पास करने के बाद 2009 में कपूरथला के लार्ड कृष्णा पॉलिटिकल कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के कोर्स के लिए नामांकन किया. लेकिन पढ़ाई के 3 साल होने के बाद भी उन्होंने अपना कोर्स पूरा नहीं किया. इस बात को सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि कभी उन्होंने कोई किताब नहीं पढ़ी है.
अपने पढ़ाई को वही तक छोड़ते ही 2012 में वह अपने परिवार के परिवहन व्यवसाय में शामिल होने के लिए संयुक्त अरब अमीरात ( दुबई) चले गए. अमृतपाल सिंह के सोशल मीडिया लिंकडइन प्रोफाइल ने दावा किया है कि उनके पास पंजाब विश्वविद्यालय से मेकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री है और उनकी प्रोफाइल में आगे और दावा किया गया है कि वह सिंधु कार्गो ट्रांसपोर्ट नामक कंपनी में ऑपरेशन मैनेजर के तौर पर काम कर रहे हैं.
अमृतपाल सिंह कितने साल दुबई में रहे? (How old is Amritpal Singh?)
अमृतपाल सिंह ने लगभग 10 वर्षों तक स्पेशल के रूप में दुबई में काम किया. रिपोर्ट के मुताबिक वह उस वक्त वहां एक ट्रक चलाया करते थे.

अमृतपाल सिंह इतने चर्चे में क्यों है ? (Why Amritpal Singh is in so much discussion?)
अमृतपाल सिंह अक्सर सोशल मीडिया पर पंजाब से जुड़े मुद्दों पर अपनी बातें रहा करते थे. उसके बाद धीरे-धीरे अमृतपाल सिंह ने किसानों के विरोध का समर्थन करना शुरू किया और दीप सिद्धू के समर्थन भी बन गए. कहा जाता है कि अमृतपाल सिंह दीप सिद्धू से जुड़ने के बाद उनके सोशल मीडिया कि पहुंच कई गुना तक बढ़ गई और धीरे-धीरे चर्चे में आने लगे लोग उनको समर्थन करने लगे.
उसके बाद अमृतपाल सिंह ने विरोध का समर्थन करने के लिए भारत की भी यात्रा की. उस समय वह मोना सीख यानी कि बिना दाढ़ी और पगड़ी के सिख हुआ करते थे. और कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद अमृतपाल सिंह दुबई से अपने घर वापस लौट आए थे.
अमृतपाल सिंह कि परिवार (Amritpal Singh Family )
अमृतपाल सिंह के परिवार में उनके पिता तरसेम सिंह और माता बलविंदर कौर है और उनके एक बड़ा भाई है साथ में उनकी दो बहन भी है जो जुड़वा हैं.
अमृतपाल सिंह की पत्नी, गर्लफ्रेंड, शादी (Amritpal Singh Wife, Girlfriend, Wedding )
अमृतपाल सिंह ने 10 फरवरी 2023 को पंजाब के अमृतसर में अपने गांव जल्लूपुर खेड़ा में ही एक यूके एन आर आई किरणदीप कौर से शादी की.

वारिस पंजाब दे संगठन क्या है ? (What is Waris Punjab De Organization?)
2019 में हुई किसान के विरोध के दौरान अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू ने पंजाब के अधिकारों के लिए आंदोलन के एजेंडे को बृहद बनाने का प्रयास किया. रिपोर्ट के मुताबिक उस दौरान दीप सिद्धू और उनके आंदोलन में अमृतपाल सिंह का मुख्य समर्थन रहा था. दीप सिद्धू पर यह भी आरोप है कि 2021 के गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के लाल किले पर हमला करने के लिए किसानों का एक समूह का नेतृत्व किया.
लाल किला के अंदर घुस कर तिरंगे के जगह खालिस्तान का झंडा को लहराने के आरोप में दीप सिद्धू को गिरफ्तार भी किया गया था. और कुछ महीने जेल में बिताने के बाद दीप सिद्धू जमानत पर रिहा हो गए थे. रिहा होने के बाद उन्होंने वारिस पंजाब दे इसका मतलब पंजाब के वारिस संगठन का स्थापना किया. और इस संगठन को पंजाब के अधिकारों के लिए लड़ने वाला संगठन भी बताया गया.
उस वक्त अमृतपाल सिंह दुबई में थे और दुबई से ही वह वारिस पंजाब डे का हिस्सा बना. कहा जाता है कि उस वक्त अमृतपाल के खालिस्तानी बयान की सराहना नहीं करने और किसान के विरोध के दौरान अमृत पाल की एक ऑडियो को भी मंच से ब्लॉक कर दिया गया था. उस वक्त दीप सिद्धू ने 20222 अमृतपाल सिंह का फोन भी ब्लॉक कर दिया था.
एक रिपोर्ट के अनुसार कहा जाता है कि अमृतपाल जब दुबई में थे तब पाकिस्तान के इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के संपर्क में आया था और बाद में खालिस्तान आंदोलन का भी समर्थन किया था. अमृतपाल सिंह भिंडरावाले के भतीजे और लाहौर से इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन चलाने वाले लखबीर सिंह रोडे के भतीजा जसवंत सिंह रोडे और बब्बर खालसा उग्रवादी परमजीत सिंह पम्मा के संपर्क में भी आए थे.
उन के माध्यम से ही कहा जाता है कि वह शिरोमणी अकाली दल से संबंधित ब्रिटेन के एक कार्यकर्ता अवतार सिंह खंडा के संपर्क में भी थे. जिनके पिता खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के सदस्य भी हैं. भारतीय खुफिया एजेंसी के सूत्रों के अनुसार अमृतपाल सिंह को प्रशिक्षण के लिए जॉर्जिया भेजें और पूर्ण रूप से खाली स्थान कार्यकर्ता बनने के लिए तैयार किया गया था.

अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे संगठन के मुखिया कैसे बना ? (How did Amritpal Singh Waris become the head of Punjab De Sangathan?)
2022 में दीप सिद्धू की एक कार एक्सीडेंट में दुर्घटना होने के बाद मृत्यु हो गई और 4 मार्च 2022 को बारिश पंजाब देकर फेसबुक अकाउंट पर अमृतपाल को संगठन के नेता के रूप में घोषित करते हुए एक घोषणा पत्र अपलोड किया गया. लेकिन इस नियुक्ति और अमृतपाल सिंह को एकाएक प्रमुख बनाने के कारण या नियुक्ति काफी विवादास्पद भी बना. कुछ सूत्रों के अनुसार दीप सिद्धू ने मरने से पहले हरनेक सिंह संगठन का मुखिया नियुक्त किया था.
कहा जाता है कि उस वक्त संगठन दो भागों में बट गई थी जिसमें एक संगठन का मुखिया मूल उप्पल जिसे आप दीप सिद्धू कि संगठन भी कहा जाता है. और संगठन के दूसरे भाग पर फेसबुक अकाउंट को हैक करके अमृतपाल सिंह को अपने नए नेता के रूप में चुनने का आरोप भी लगाया गया था. इस बात को दीप सिद्धू के परिवार ने अमृतपाल को मुखिया चुने जाने पर अस्वीकार कर दिया और इस संगठन का दोबारा जांच करने की मांग भी की थी.
अमृतपाल सिंह 22 अगस्त में दाढ़ी और पगड़ी के साथ पंजाब आया. जिसके कारण अमृतपाल ने अपने परिवार के व्यवस्था में अपनी भूमिका और कनाडा में अपने स्थाई निवासी होने का दर्जा भी छोड़ दिया. उसके बाद उन्होंने सितंबर में आनंदपुर साहिब में एक बड़ी सभा को संबोधित किया और उसके 1 हफ्ते के बाद पूर्व उग्रवादी नेता जनरल सिंह भिंडरावाले के स्थान मोगा जिले के रोडे गांव में अमृतपाल सिंह के लिए एक दस्त बंदी (जिसे पगड़ी बांधने की रस्म भी कहा जाता है) की आयोजना की गई.
इसके बाद से अमृतपाल सिंह को एक बड़े नेता के रूप में माने जाने लगे. अमृतपाल एक सरपंच के घर में रुका था और वहां लोगों की एक लंबी कतार उसे देखने के लिए आया था. और यहां पर अमृतपाल की दस्त बंदी को देखते हुए खालिस्तान जिंदाबाद के नारे के साथ वारिस पंजाब डे के प्रमुख के रूप में चुना गया.
उस वक्त प्रमुख के रूप में चुने जाने के बाद अमृतपाल सिंह ने एक भाषण में कहा कि सिख डेढ़ सौ वर्षों तक गुलाम रहे पहले अंग्रेजों ने गुलाम बनाए अब उसके बाद हिंदुओं ने गुलाम बनाया, आगे उन्होंने फिर कहा कि अब पूरी तरह से गुलाम मुक्त होने के लिए एकमात्र तरीका वह है सिख शासन लाना है.
इस भाषण के बाद 15 प्रस्तावों को पारित किया गया इस प्रस्ताव में लिखा गया था, कोई भी सीख मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता.उन्हें स्वतंत्रता के लिए लड़ाई की घोषणा की और आगे कहा हमारा पानी लूटा जा रहा है हमारे गुरु का अपमान किया जा रहा है, हमारे भूमि में कर खाना ओं का अतिक्रमण किया जा रहा है, हमारा भूजल समाप्त होते जा रहा है, हमारी पकड़ियों का अनादर किया जा रहा है और हमारे राष्ट्र के प्रमुख हमें केस धारी कहते हैं इन सभी पर गुलाम के संकेत होने का आरोप लगाते हुए 15 प्रस्तावों को पारित किया गया.
अमृतपाल सिंह सिंधु किसके लिए जाने जाते हैं?(What is Amritpal Singh Sindhu known for?)
अमृतपाल सिंह खालिस्तान आंदोलन के लिए जाने जाते हैं और यह एक अलगाववादी आंदोलन है जो पंजाब क्षेत्र में खालिस्तान नामक एक जाति धार्मिक संप्रभु राज्य की स्थापना करके सिखों के लिए एक मातृभूमि बनाने की मांग कर रही है.
अमृतपाल सिंह और प्रचार प्रसार (Amritpal Singh and propaganda)
अमृतपाल सिंह ने युवाओं को ड्रग्स जैसे और धार्मिक जीवन शैली को छोड़ने के लिए प्रेरित किया और इसके लिए अभियान भी चलाया. अमृतपाल ने अपने सिख धर्म को बनाए रखने के लिए अभियान चलाई जिसमें उन्हें सिक्स धार्मिक अधिकारियों से काफी ज्यादा समर्थन और प्रशंसा भी मिली.
इसी बीच एक धार्मिक अधिकारी ने अमृतपाल की प्रशंसा करते हुए बताया था कि रविवार के दिन गुरुद्वारे में लगभग 200 युवाओं को सिख धर्म का पालन करते दिखाई देते थे. लेकिन अमृतपाल सिंह के प्रयास के कारण अब 1000 से भी ज्यादा लोग शामिल हो रहे हैं. इसी तरह अमृतपाल के समर्थन में बाहरी विभिन्न क्षेत्र से जैसे कि राजस्थान श्रीनगर हरियाणा दिल्ली महाराष्ट्र जम्मू जैसे कई स्थानों से समर्थन मिलने लगे.
इसके बाद अमृतपाल ने खालसा लेने के लिए युवाओं को प्रेरित करने के लिए पंजाब राज्य के माध्यम से खालसा बाहर यात्रा शुरू की. इसका मतलब सीख विश्वास फैलाने के लिए धार्मिक जुलूस निकालना होता है. इसके बाद अमृतपाल सिंह ने 1 महीने के अंदर अमृतसर से आनंदपुर साहिब तक मार्च किया इस मार्च में उनके साथ स्वचालित बंदूक के और गोलियां लेकर समर्थक भी शामिल थे. इस अवधि में अमृतपाल ने कट्टरपंथी विचारों का प्रचार किया हथियारों और हिंसा का संगठन किया.
अमृतपाल सिंह का विवाद (Amritpal Singh’s controversy)
अमृतपाल सिंह के ऊपर काफी ज्यादा विवाद और आरोप लगे हैं जैसे चोरी, मारपीट, अपहरण जैसे काफी मामले थाना में दर्ज है. इसी बीच उमेश पाल सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस ने एक युवक ने मारपीट करने के आरोप में प्राथमिकता दर्ज करवाई थी और इस मामले में अमृत पाल सिंह के एक सहयोगी को भी गिरफ्तार किया गया था.
एक युवक ने मारपीट करने वाले वरिंदर सिंह पंजाब के रोपड़ जिले का रहने वाला है उन्होंने अमृतपाल के खिलाफ फेसबुक लाइव किया था और उस पर सिखों को गुमराह करने का आरोप लगाया था. इससे नाराज होकर अमृतपाल के समर्थकों ने उसके साथ बुरी तरह से पिटाई कर दी और यह मामला थाना तक गया,
एक रिपोर्ट के अनुसार गृह मंत्रालय द्वारा हाल ही में अमृतपाल सिंह की संदिग्ध गतिविधियों पर चिंता व्यक्त करते हुए पंजाब सरकार को एक पत्र भी लिखा है. आपको बता दें कि अमृतपाल सिंह केंद्र सरकार के रडार पर हैं.
एक सूत्रों के अनुसार अमृतपाल सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी धमकी दी थी और उस धमकी में उसने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जैसा हाल होगा. जिनकी 1984 में उनके ही शिक्षकों द्वारा हत्या कर दी गई थी.
अमृतपाल सिंह का शुरुआती विवाद (Amritpal Singh’s initial controversy)
2000 22 अक्टूबर अमृतपाल ने एक भाषण में कहा था की स्थाई जो खुद को नहीं बचा पाए वह बाकी सब को कैसे बचाएगा. जिसे इसाई समुदाय के सदस्यों द्वारा अभद्र भाषा करार देते हुए ईसाई धर्म के बारे में टिप्पणी देने को लेकर इसाई समुदाय के समर्थकों ने अमृतपुरा ओके खिलाफ धरना भी प्रदर्शन किया था. और प्रदर्शनकारियों ने अमृतपाल के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने और सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ावा देने का प्रयास करने के आरोप में प्राथमिक दर्ज कराने की मांग की थी.
खालिस्तान और भिंडरावावाला जैसा समर्थन करना (Supporting like Khalistan and Bhindranwala)
आपको बता दें कि अमृतपाल ने खुले तौर पर खालिस्तान का समर्थन करता है. अलगाववादी आंदोलन से यानी कि धर्म के लोगों के लिए एक अलग मातृभूमि देश की मांग करता है. अमृतपाल ने कहा है कि 1994 में ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले उनके नायक है.
इसी कारण अमृतपाल भिंडरावाले जैसे कपड़े पहनता है और खुद को एक समान तरीके से प्रस्तुत करता है. जैसे कि पारंपारिक वस्त्र पहनना पगड़ी पहनना दाढ़ी रखना और अपने चारों और भारी हथियारों से लैस पुरुषों के साथ घूमना. अमृतपाल ने फौजन नामक हथियारबंद लोगों के एक समूह के साथ स्वर्ण मंदिर में भी प्रवेश किया था. इसीलिए अमृतपाल के समर्थक भी उसे दूसरे भिंडरावाले के रूप में मानता है.
अमृतपाल सिंह की हिंसा में भागीदारी (Amritpal Singh’s participation in the violence)
2022 में नवंबर को शिवसेना के नेता सुधीर सुधीर की संदीप सिंह सन्नी ने हत्या कर दी थी जिसके वाहन पर कथित तौर पर वारिस पंजाब डे का स्टीकर लगा हुआ था. पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को उसके खिलाफ जवाबी हिंसा के प्रत्याशा में एहतियाती उपाय के रूप में अमृतपाल को घर में नजरबंद कर दिया गया था. लेकिन सुधीर सूरी के साथ कोई पूर्व संबंध नहीं होने के कारण उसे नजरबंदी से रिहा कर दिया गया और उसके बाद अमृतपाल ने हरियाणा में अमृत प्रचार अभियान चलाया.
अमृतपाल सिंह अजलाना भिड़ंत विवाद (Amritpal Singh Ajlana encounter controversy)
2000 23 फरवरी में एक व्यक्ति में अजलाना थाना में शिकायत की कि अमृतपाल के साथियों ने उसका अपहरण कर के मारपीट किया. इसके साथ ही उस व्यक्ति ने अमृतपाल और उनके साथियों के अजलाना थाना में मामला दर्ज कराई थी. और इस मामले में अमृतपाल के एक करीबी लवप्रीत सिंह नाम के बंदे को गिरफ्तार किया.
इस गिरफ्तारी के बाद अमृतपाल ने इस मामले को रफा-दफा करने के लिए पंजाब पुलिस को एक अल्टीमेट जारी भी किया था और जब पुलिस ने जवाब नहीं दिया तो उनके समर्थकों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए और स्वचालित बंधुओं और धारदार हथियारों से लैस होकर पुलिस परिसर पर हमला कर दिया था. इस मामले में कई सारे पुलिसकर्मियों घायल हुए और पुलिस थाने का कई सारे गाड़ियों को भी जलाया गया. यह मामला अदालत तक गई और अंत में अदालत ने पुलिस रिपोर्ट के आधार पर लवप्रीत सिंह का रिहाई का आदेश दिया. और बाद में पंजाब पुलिस ने लवप्रीत सिंह को रिहा कर दिया.
इसके बाद 25 फरवरी 2023 को एक टीवी चैनल पर दिए एक इंटरव्यू में अमृतपाल सिंह ने कहा कि लवप्रीत के खिलाफ झूठा मामला दर्ज करने का आरोप भी लगाया था.
अमृतपाल सिंह की छापेमारी और गिरफ्तारी (Raid and arrest of Amritpal Singh)
18 मार्च 2023 को पंजाब पुलिस ने वारिस पंजाब डे संगठन के खिलाफ अपना कार्रवाई शुरू की. और इस कार्रवाई में 78 से भी ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया और कई अन्य लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया गया था. साथ ही अमृतपाल सिंह के ऊपर हत्या के प्रयास, कानून प्रवर्तन में बाधा और समाज में गलत धारणा पैदा करने के लिए रोक भी लगा दिया गया. तबसे अमृतपाल सिंह फरार हो गया.
जिसके लिए पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी और तलाश में चारों क्षेत्र और सड़कों पर नाकाबंदी लगा दी. इस दौरान एक संदिग्ध कार में अमृतपाल होने की खबर से उस कार के पीछे की गई लेकिन वह भागने में सफल रहा. क्योंकि वह भागते समय लगातार कारों को और अपने कपड़ों को बदलता रहा अंत में एक मोटरसाइकिल पर भाग निकलने में सफल रहा.
बाद में अमृतपाल सिंह अपने चाचा और एक सहयोगी के साथ कथित तौर पर एक सरपंच के परिवार को धमकाते हुए जबरदस्ती उस घर में रहने लगा. और उस वक्त पुलिस ने अमृतपाल सिंह भागते समय प्रयोग में लाए गए कारों और उसके साथ एक रायफल भी बरामद की साथ में उनके चाचा और सहयोगी को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
उसके बाद बारिश पंजाब डे संगठन ने पंजाब उच्च न्यायालय में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की जिसमें आरोप लगाया कि पुलिस ने तरीका से उसे हिरासत में लिया था. इसके बाद पंजाब पुलिस ने इस मामले को खारिज करते हुए उच्च न्यायालय को सूचित किया कि वह अमृतपाल सिंह को पकड़ने के करीब में. साथ ही अमृतपाल और उनके चार सहयोगी योग के ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत आरोप लगाया गया. और इस प्रक्रिया में अमृतपाल के 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया.
इस तरह की छापेमारी में पंजाब में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं और मैसेजिंग सेवाओं को भी बंद कर दिया गया. जिससे काफी लोग प्रभावित हुए थे. और कुछ जिलों में तो इस प्रतिबंधों को 23 मार्च तक बढ़ा दिया गया था. जहां पर आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत चंडीगढ़ में 4 से अधिक लोगों को एक साथ इकट्ठा होने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था.
भारत सरकार द्वारा अमृतपाल और उससे जुड़ी सारे सोशल मीडिया ट्विटर इंस्टाग्राम आदि कूल 122 अकाउंट को सस्पेंड कर दिया गया.
अंत में 29 मार्च को अमृतपाल सिंह ने एक वीडियो जारी करते हुए अपने सिख सामूहिक सरबत खालसा के लिए इकट्ठा होने का अनुरोध किया.
और उसी के आधार पर 23 अप्रैल 2023 को 35 दिनों से फरार चल रहे अमृतपाल को पंजाब के मोगा के एक गुरुद्वारे मे छुपा हुआ था. उसी वक्त पंजाब पुलिस वालों ने चारों ओर से अमृतपाल को घेर लिया. और अंत में अमृतपाल को आत्मसमर्पण कर दिया. इसके बाद अमृतपाल सिंह को असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में भेज दिया गया.
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निष्कर्ष
इस लेख में हमने जाना अमृतपाल सिंह के बायोग्राफी(Amritpal Singh Biography in Hindi |अमृतपाल सिंह जीवन परिचय, पत्नी, परिवार, खालिस्तान, जन्म, नेट वर्थ, गिरफ्तार, विवाद, विकी, News,) के बारे में विस्तार में आशा करता हूं आप लोगों को जरूर पसंद आई हो, इस लेख से संबंधित कोई सलाह और सुझाव है तो नीचे कमेंट बॉक्स में अपना विचार जरूर रखें धन्यवाद.
FAQs
अमृतपाल सिंह सिंधु किसके लिए जाने जाते हैं?
अमृतपाल सिंह खालिस्तान आंदोलन के लिए जाने जाते हैं और यह एक अलगाववादी आंदोलन है जो पंजाब क्षेत्र में खालिस्तान नामक एक जाति धार्मिक संप्रभु राज्य की स्थापना करके सिखों के लिए एक मातृभूमि बनाने की मांग कर रही है.
कौन है अमृतपाल सिंह ?
अमृतपाल सिंह सिद्धू वर्तमान में बारिश पंजाब दे संगठन के प्रमुख है. इस संगठन को अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिंधु द्वारा स्थापित किया गया था. लेकिन पिछले साल फरवरी में एक दुर्घटना में दीप सिद्धू की मृत्यु हो जाने के कारण. अमृतपाल सिंह सिद्धू दुबई से आते ही इस संगठन का प्रमुख बन गए.
अमृतपाल सिंह कितने साल दुबई में रहे?
अमृतपाल सिंह ने लगभग 10 वर्षों तक स्पेशल के रूप में दुबई में काम किया. रिपोर्ट के मुताबिक वह उस वक्त वहां एक ट्रक चलाया करते थे.
अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे संगठन के मुखिया कैसे बना ?
2022 में दीप सिद्धू की एक कार एक्सीडेंट में दुर्घटना होने के बाद मृत्यु हो गई और 4 मार्च 2022 को बारिश पंजाब देकर फेसबुक अकाउंट पर अमृतपाल को संगठन के नेता के रूप में घोषित करते हुए एक घोषणा पत्र अपलोड किया गया. लेकिन इस नियुक्ति और अमृतपाल सिंह को एकाएक प्रमुख बनाने के कारण या नियुक्ति काफी विवादास्पद भी बना. कुछ सूत्रों के अनुसार दीप सिद्धू ने मरने से पहले हरनेक सिंह संगठन का मुखिया नियुक्त किया था.