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अतीक अहमद जीवन परिचय | Atique Ahmed Biography In Hindi उम्र, मृत्यु, पत्नी, बच्चे, परिवार, संपत्ति 2023 और बहुत कुछ

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sara Tendulkar biography hindi

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अगर आप भी अतीक अहमद के बारे में जानना चाहते हैं और इंटरनेट पर अतीक अहमद के बारे में सर्च कर रहे हैं और आपको यह लेख मिल गई है, तो  आप सही जगह आए हैं इस लेख में हम लोग जानेंगे अतीक अहमद के बारे में जिसके बारे (Atique Ahmed Biography In Hindi ) में आप जानना चाहते हैं विस्तार में. यदि कहा जाए तो हमारे देश में सबसे ज्यादा आपराधिक घटना और अंडों की संख्या कहां है तो जाहिर सी बात है सबके मन में उत्तर प्रदेश राज्य का ही नाम आता है.  चाहे वह किसी का मर्डर हो,  या किसी का अपहरण हो,  या किसी तरह का लूटपाट की घटना हो.  हर दिन यहां पर नए-नए मामला सामने आते रहते हैं.

  क्योंकि उत्तर प्रदेश में काफी ज्यादा गैंगस्टर और डॉन पैदा हुए हैं.  और यह लोग  बिना किसी खौफ का खुलेआम घटना को अंजाम देते हैं. और यह लोग पुलिस से भी कोई खौफ नहीं खाते और उल्टे उन लोगों से भीड़ जाते हैं.  लेकिन जब से उत्तर प्रदेश में योगी की सरकार आई है सबसे उत्तर प्रदेश में गैंगस्टर और माफियाओं के बुरे दिन शुरू हो गई है.  क्योंकि योगी सरकार हर उस गैंगस्टर और माफियाओं को चुन चुन कर खत्म कर रही है. 

जिसके कारण अभी के समय गैंगस्टर और माफियाओं की डर से भूमिगत होने लगे हैं. उसी गैंगस्टर और माफिया में  एक नाम आती है अतीक अहमद का जिनके नाम से लोग थरथर कांपते थे.  लेकिन 15 अप्रैल 2023 शनिवार को कुछ हमलावरों ने अतीक अहमद और उनके क्राइम पार्टनर अशरफ को गोलियों से भून कर मौत के घाट उतार  दी. आइए जानते हैं विस्तार में अतीक अहमद कौन है और इनके जीवनी  और सफर के बारे में विस्तार में जानते हैं (Atique Ahmed Biography In Hindi ) .

Table of Contents

अतीक अहमद की परिचय और प्रारंभिक जीवन ( Atique Ahmed Biography In Hindi, Early Life )

बात वहां से शुरू होती है जब प्रयागराज जिस का पुराना नाम इलाहाबाद हुआ करता था. अतीक अहमद का जन्म इलाहाबाद स्थित  चकिया नाम के मोहल्ले में एक मुस्लिम परिवार में 10 अगस्त 1962 में जन्म हुआ था.  अतीक अहमद के पिता फिरोज अहमद उस वक्त तांगा चला कर अपने परिवारों गुजारा किया करते थे. उनके परिवार के आर्थिक स्थिति काफी ज्यादा कमजोर होने के कारण अतीक अहमद  ने 17 साल की उम्र से ही अपराध की दुनिया में कदम रखा. 

जब वह 17 साल के थे तब  उन पर पहली हत्या का केस दर्ज हो गया था. क्योंकि अतीक अहमद को जल्द अमीर बनना था इसलिए अपराध की दुनिया को अंजाम देने लगा.  जैसे-जैसे उनके उम्र बढ़ते गए वैसे इससे इनका अपराध भी बढ़ते गया. पैसा कमाने के लिए और जल्दी अमीर बनने के लिए वह रंगदारी,  अपहरण,  मर्डर,  पैसा वसूली, पुलिस से मारपीट,  सरकारी कामों में बाधा जैसे  अपराध को अंजाम देने लगा. अलग-अलग जिले और बाहरी राज्य मिलाकर अतीक अहमद के खिलाफ 80 से भी ज्यादा मामले दर्ज है.

नाम अतीक अहमद (Atique Ahmed, Atique Pahalwan,
पिता का नामहाजी फिरोज अहमद
पत्नी का नामशाइस्ता परवीन
बच्चों का नामउमर अहमद,  अली अहमद,  असद,अहजान,  आबान
जन्म10 अगस्त 1962
जन्म स्थानइलाहाबाद ( प्रयागराज)  उत्तर प्रदेश चकिया
जातिमुस्लिम
धर्मइस्लाम
पैसा माफिया गैंगस्टर  और राजनेता
राजनीतिक सफर5 बार लगातार विधायक और एक बार सांसद 

अतीक अहमद  का परिवार (Atique Ahmed Family )

अतीक अहमद का पिता जी का नाम फिरोज अहमद था. कुख्यात गैंगस्टर अतीक अहमद की शादी सन 1996 में शाइस्ता परवीन से हुई थी.  और उनके कुल पांच बेटे हैं.  और उनके बेटा का नाम  मोहम्मद असद,  मोहम्मद उमर,  मोहम्मद अली,  मोहम्मद आवान  और मोहम्मद  अहजम है. इनके पूरे परिवार  के ऊपर गंभीर अपराधिक रिकॉर्ड है जिनमें से  एक बेटा मोहम्मद असद झांसी में उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल की कार्यवाही के दौरान उमेश पाल हत्या के आरोप में एनकाउंटर में मारा गया.  और दो बेटा अभी जेल में बंद है.

अतीक अहमद का शिक्षा (Atique Ahmed Qualification)

अतीक अहमद ने अपना शिक्षा आठवीं  कक्षा 5 की और  दसवीं में फेल होने के कारण पढ़ाई छोड़ दी. 

 किस माफिया के कारण बना अतीक अहमद कुख्यात गैंगस्टर ?

जिस समय अतीक अहमद ने अपराधिक दुनिया में कदम रखा उस समय इलाहाबाद में चांद बाबा नाम के एक कुख्यात माफिया का नाम  और दबदबा चलता था.  चांद बाबा का नाम का खौफ इतना था कि पुलिस उनके इलाके में पैर रखने से भी घबराते थी.  उस वक्त पुलिस और राजनीतिक दल भी चांद बाबा से छुटकारा पाना चाहते थे. 

लेकिन अतीक अहमद ने उस वक्त अपना  तेज दिमाग लगाया और पुलिस और राजनीतिक दलों के इस बार का लाभ उठाकर  इलाहाबाद ( अभी प्रयागराज) के कुछ लोकल नेताओं से हाथ मिला ली.  और अतीक अहमद को इससे काफी ज्यादा फायदा और बढ़ावा मिला क्योंकि जो अपराध वह करता था इसके लिए उसे पुलिस और लोकल नेताओं का साथ मिलता गया.  और इसी कारण कुछ ही सालों में अतीक अहमद  इलाहाबाद के  माफिया  चांद बाबा से भी बड़ा तेज और कुख्यात गैंगस्टर बन गया.

अतीक अहमद के बढ़ते अपराध,  गिरफ्तारी और जमानत

उस वक्त अतीक अहमद का गैंग बढ़ता गया और अपहरण लूटपाट हत्या जैसे अपराध   घटना में खुलकर शामिल हो गया.  इसके कारण अतीक अहमद का सहयोगी पुलिस भी इसके बढ़ते अपराध से चलाकर उसे तलाश करके गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन उस वक्त वीर बहादुर की सरकार  आई और तब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी उस वक्त अतीक अहमद कि इतनी पहुंच बन गया कि उसे जेल से छुड़वाने के लिए दिल्ली से फोन आया और 1 साल के अंदर में ही अकील अहमद को जमानत मिल गई.

अतीक अहमद की राजनीतिक सफर (Atique Ahmed Political Journey )

अतीक अहमद बार-बार जेल जाने से बचने के लिए कुख्यात गैंगस्टर से नेता में शामिल हो गया.  और 1989 में उसने निर्दलीय चुनाव लड़ा और अतीक अहमद के खिलाफ माफिया चांद बाबा इलेक्शन में खड़ा हो गए लेकिन अतीक अहमद ने पहली बार में ही जीत हासिल कर गैंगस्टर से विधायक बन गया.उसके फिर 5 साल के बाद 1991 मैं फिर से आईएमडी दिल से इलेक्शन लड़ा और दुबारा 5 साल के लिए विधायक बन गए.

इस तरह लगातार अतीक अहमद 5 बार विधायक बने और 2004 में फूलपुर से समाज पार्टी दल से पहली बार लोकसभा में सांसद के लिए चुनाव लड़े और फूलपुर से लोकसभा में सांसद पद से जीत हासिल की और अपना प्रथम  कार्यभार संभाला.

अतीक अहमद की राजनीतिक में संभाले गए पद ( Atique Ahmed Political Post )

S.Nअवधिपददल
1.1989 से 1991इलाहाबाद पश्चिम से विधायक (प्रथम कार्यकाल)आईएनडी 
2.1991 से 1993इलाहाबाद पश्चिम से विधायक (दूसरा कार्यकाल)आईएनडी
3.1993 से 1996इलाहाबाद पश्चिम से विधायक (तीसरा कार्यकाल)आईएनडी
4.1996 से 2002इलाहाबाद पश्चिम से विधायक (चौथा कार्यकाल)सपा
5.2002 से 2004इलाहाबाद पश्चिम से विधायक (5वां कार्यकाल)Apna Dal
6.2004 से 2009फूलपुर से 14 वीं लोक सभा में सांसद (प्रथम कार्यकाल)सपा

2009 के आम चुनाव सफर

अतीक अहमद को 2009 के आम चुनाव मैं लड़ने की अनुमति  दे दी गई क्योंकि उस वक्त तक अतीक अहमद को किसी भी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया था.  हालांकि उस वक्त समाजवादी पार्टी ने अतीक अहमद को 2008 में ही पार्टी से निकाल दिया था.  और मायावती ने भी समाजवादी पार्टी के तहत टिकट देने से इंकार कर दिया था.  और बाद में अतीक अहमद ने प्रतापगढ़ से अपना दल पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा लेकिन चुनाव मैं उसे सफलता नहीं मिली और हार गए.

2012 और 2014 में चुनाव सफर

उत्तर प्रदेश  में 2012 में हुए चुनाव में अतीक अहमद ने अपना दल के बैनर  से  इलाहाबाद पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए नामांक जेल से ही दाखिल किया था. और अतीक अहमद ने चुनाव लड़ने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जमानत के लिए अपील की थी लेकिन 10 न्यायाधीशों ने मामला की सुनवाई करने से इंकार कर दिया. लेकिन अगर वे जज ने मामले को अपने हाथ में लिया और चुनाव से पहले ही अतीक अहमद को जमानत पर  रिहा कर दिया गया.

लेकिन 2012 की उत्तर प्रदेश चुनाव में अतीक अहमद को सफलता नहीं मिली और फिर से हार का सामना करना पड़ा. इसी तरह 2014 में  अतीक अहमद को समाजवादी पार्टी ने वापस अपने पार्टी में लिया और  अतीक अहमद ने श्रावस्ती से राष्ट्रीय चुनाव लड़ा.  लेकिन अतीक अहमद के विपक्षी नेता भाजपा के दद्दन मिश्रा मैं उन्हें लगभग 100000 वोटों से हरा दिया.

अतीक अहमद की अपराधिक घटना ( Atique Ahmed Crime )

अतीक अहमद  पर कुल 100 से भी ज्यादा आपराधिक मामला है उसमें से कुछ मुख्य अपराधिक घटना नीचे दी गई है

 1).माफिया चांद बाबा हत्या

जब शुरुआती दौर पर  अतीक अहमद विधायक बना विधायक बनने के बाद रोशन बाग में चाहे की एक दुकान पर जब अतीक अहमद बैठा था तभी चांद बाबा के गैंग  के साथ लड़ाई हुई और उसी लड़ाई में चांद बाबा मारा गया.  इस लड़ाई में पूरे बाजार गोलीबारी  और बम बारूद से दहल उठा था. इस घटना के बाद कुछ ही महीने में अतीक अहमद के मुख्य दुश्मन चांद बाबा की गुंडे को भी मार दिया गया  उसमें से कुछ गुंडे भाग गए.  चांद बाबा  की हत्या के आरोप  अतीक अहमद पर लगाई गई लेकिन उसका ऊंची पहुंच और विधायक होने के कारण इस हथिया में दोस्ती साबित नहीं हुआ.

2).SHUATS हमले का अपराधिक मामला

अतीक अहमद पर 14 दिसंबर 2016 को उनके सहयोगी ने हीगिनबटन यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंस के स्टाफ सदस्यों पर कथित तौर पर नकल करते पकड़े जाने के बाद परीक्षा देने से रोकने को लेकर छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए हमला किया था. इस मामला में अतीक अहमद द्वारा  यूनिवर्सिटी के शिक्षकों और कर्मचारियों की पिटाई कर वीडियो इंटरनेट पर व्यापक रूप से प्रसारित किया था.

इस अपराध अंजाम देने वाला अतीक अहमद को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इलाहाबाद के पुलिस अधीक्षक को मामले के सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था.  और पुलिस ने 11 फरवरी को ही  अतीक अहमद को गिरफ्तार कर लिया था और 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.

3).देवरिया जेल में व्यापारी का अपहरण करके  यातना देने का अपराधिक मामला

अतीक अहमद उस वक्त जेल में थे और जेल में रहकर वह अपने अपराध को अंजाम देते थे उन्होंने एक व्यापारी मोहित  जयसवाल को अपरहण करके मारपीट के आरोप में उन्हें बरेली जेल में हस्तांतरित कर दिया गया था.  व्यापारी मोहित ने मीडिया को दिए एक रिपोर्ट में बताया कि अतीक अहमद का गैंग उससे रंगदारी मांग रहा था.  बाद में रंगदारी नहीं देने पर उसे देवरिया जेल ले जाया गया और मोहित को जेल के पुलिस गार्ड और अन्य गुंडों ने पीटा था. 

जब खबर फैली तो उत्तर प्रदेश सरकार ने अतीक अहमद को बरेली जेल में ट्रांसफर कर दिया और आरोपी जेल प्रहरी यों को तुरंत निलंबित कर दिया गया.  उस वक्त एक कॉल रिकॉर्डिंग भी जारी की गई जिसमें अतीक अहमद ने  व्यापारी मोहित को रंगदारी देने की धमकी दे रहा था.  और रंगदारी नहीं देने पर हमला करने और जान से मारने का धमकी दिया था.

4). राजू पाल हत्याकांड अपराधिक मामला

2004 में जब अतीक अहमद फूलपुर से सांसद सदस्य बने तब यूपी विधानसभा में उनकी सीट खाली हो गई थी जिसके बाद इलाहाबाद पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र में उप चुनाव हुआ जिसमें उनके छोटे भाई अशरफ उर्फ खालिद अजीम ने  राजू पाल बहुजन समाजवादी पार्टी  के प्रत्याशी के खिलाफ समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन राजू पाल ने चुनाव में जीत हासिल की  तब राजनीतिक प्रतिद्वंदिता व्यक्तिगत प्रतिद्वंदिता में बदल गई और 25 जनवरी 2005 को सुलेम सराय इलाके में कुख्यात गैंगस्टर गांव के एक समूह ने राजू पाल पर हमला कर दिया.

उस वक्त राजू पाल रानी नेहरू अस्पताल इलाहाबाद से अपनी कार में जा रहे थे तब  उन पर अंधाधुंध गोलियों से गुना गया और राजू पाल को  करीब 18 गोलियां लगी थी.  साथ ही राजू पाल के साथ में जो दो लोग और थे संदीप यादव और देवीलाल को भी गोली लगी. यह कांड इतना बड़ा था की पूरे देश में फैल गया.  और इस कांड के पीछे अतीक अहमद शामिल होने का आरोप लगाया गया.

उमेश पाल हत्याकांड आपराधिक मामला (राजू पाल के  साला )

राजू पाल की हत्या के बाद उनकी पत्नी पूजा पाल ने अतीक अहमद और उनके छोटे भाई अशरफ अहमद के खिलाफ प्राथमिक दर्ज करवाई और 2006 में राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर मामले को सीबीआई जांच करवाने के लिए अनुरोध किया. लेकिन फिर कथित तौर पर 28 फरवरी 2006 को अतीक अहमद के कुख्यात गुंडों ने  उमेश पाल ( राजू पाल के साले) की अपहरण कर लिया गया और उन्हें अदालत में गवाही नहीं देने की धमकी भी दी गई.

जिसके बाद उमेश पालने इलाहाबाद के  पुलिस थाने में  माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ आमद के खिलाफ प्राथमिक दर्ज की गई.  और बाद में दिसंबर 2008 को मामला को राज्य की अपराध शाखा में ट्रांसफर कर दिया गया.  और मामला को मद्देनजर  से देखते हुए अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद जो राजू पाल की हत्या के बाद फरार हो गया था  उसे गिरफ्तार  कर लिया गया. 

उसके बाद 24 फरवरी 2023 को उमेश पाल की हथिया अतीक अहमद के गुंडे और उनके बेटे मोहम्मद असद ने मिलकर उमेश पाल को उनके घर के पास मैं ही कई राउंड गोली मारकर हत्या कर दी. क्योंकि उमेश पाल राजू पाल के साला थे और वह राजू पाल हत्याकांड के अहम गवाह माने जाते थे. उमेश पाल की हत्या के बाद उमेश पाल की बीवी जया पालने अतीक अहमद उनके पत्नी और  बेटे समेत 27 लोगों के खिलाफ प्राथमिकता दर्ज कराई थी. 

अतीक अहमद की चल व अचल कुल संपत्ति (Atique Ahmed Property )

30 सालों में अतीक अहमद के पास से कुल 1600 करोड़ की अवैध संपत्ति पीढ़ी द्वारा जप्त की गई है इसके आधार पर अपनी चे अनुमान लगा सकते हैं की अतीक अहमद के पास कितने चल और अचल संपत्ति है. जबकि 2019 की चुनावी कल्पना में में माफिया अतीक अहमद ने 25 करोड़ की संपत्ति का खुलासा किया था. 

2019 की चुनावी हलफनामे में अतीक अहमद ने बताया था कि उनके पास कुल ₹ 25  करोड़  की संपत्ति है.  जिसमें उनके नाम  18000000 की चल संपत्ति और पत्नी के नाम पर 81 लाख रुपए है. साथ ही उनके नाम पर ₹190000000 से अधिक की अचल संपत्ति भी है जिसमें जमीन कई तरह की आलीशान महल और फार्म हाउस  भी शामिल है. 

एक सौ से भी ज्यादा बेनामी संपत्ति

कुख्यात माफिया अतीक अहमद की एक सौ से भी ज्यादा बेनामी संपत्ति मिली है जिसमें से 50 से अधिक तेल कंपनियों के जरिए अतीक अहमद अपने काली कमाई को ठिकाने लगा आते थे और छापेमारी  में 2  नोट गिनने वाली मशीन,  करीब एक करोड़ से भी ज्यादा नगद राशि,  और 200 से अधिक संदिग्ध बैंक खाते और बड़ी मात्रा में जेवरात भी मिली  थी.  ईडी की छापेमारी में माफिया अतीक के  के करीबियों के नाम पर खरीदी गई सबसे अधिक संपत्तियों के दस्तावेज भी बरामद किए गए थे. 

अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की मौत कैसे हुई ?

15 अप्रैल 2023 को शनिवार रात 10:00 बज के 35 मिनट में अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ को लेकर पुलिस प्रयागराज मेडिकल कॉलेज पहुंची थी क्योंकि वहां पर अदालत द्वारा अनिवार्य चिकित्सा जांच के लिए ले  जाया गया था. जैसे पुलिस जीप से उतर कर अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ 15 से 20 कदम ही चले होंगे उसी वक्त मीडिया वालों ने उन्हें घेर लिया और वहां पर मीडिया वालों ने दोनों पर कुछ सवाल पूछने लगे.  इस वक्त अतीक अहमद और अशरफ दोनों मीडिया से गिरे हुए थे अचानक दो पत्रकारों ने अपना कैमरा और माइक गिरा दिया और  अतीक अहमद  और अशरफ पर  पिस्तौल से गोली चलाना शुरु कर दी.

उसी वक्त तीसरे पत्रकार ने भी  गोली चलाना शुरु कर दी कुल 3 अपराधी ने दोनों भाई पर गोलियां बरसाई थी.  इस हमला में जब तब कोई कुछ समझ पाता तब तक मीडिया और पुलिस वालों के सामने हैं अपराधियों ने अतीक अहमद और अशरफ को गोलियों से भून डाला और मौके पर ही दोनों का मौत हो गया.  इस हमले में पुलिसकर्मी मानसिंह घायल हो गए और एक हमलावर भी घायल हो गया.  मौके पर दोनों भाई  अतीक अहमद और अशरफ को अस्पताल ले गया.  लेकिन वहां दोनों को मृत घोषित कर दिया गया.

अतीक अहमद और अशरफ को मारने वाला कौन  है ?

अतीक अहमद और अशरफ को मारने वाला में अपराधियों ने अपना पहचान लवलेश तिवारी,  मोहित और सनी और  अरुण कुमार मौर्य के रूप में की गई है.  जब पुलिस वालों ने उन्हें मारने की इरादे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने खुलासा किया कि उनका मुख्य उद्देश्य अतीक अहमद और अशरफ को मारकर अपराध की दुनिया में अपना पहचान बनाना बताया.  उन्होंने यह भी खुलासा किया कि जब  अतीक अहमद और अशरफ दोनों पुलिस की रिमांड की सूचना मिली तो उन्होंने  पत्रकारों की रूप में हत्या करने की योजना बनाई और उन्होंने शनिवार 15 अप्रैल 2023 को रात इसका मौका मिल गया और दोनों को गोलियों से ढेर कर दिया.

पुलिस ने तीनों अपराधियों की पूछताछ में अपराधियों ने बताया कि वह  कुख्यात माफिया गैंगस्टर डॉन अतीक अहमद और अशरफ गैंग का खात्मा करना चाहते थे ताकि यूपी में उनका नाम हो और भविष्य में लोग उनसे खौफ खाए इसलिए मार डाला. अपराधियों ने बताया कि माफिया अतीक  अहमद और अशरफ पुलिस कर्मियों के घेरे के अनुमान नहीं लगा पाए इसलिए वह लोग हथिया करके भाग नहीं पाए  और पुलिस की तेज कार्रवाई के कारण उन्होंने मजबूरन सरेंडर कर दिया और पकड़े गए. 

यह भी पढ़ें

FAQs

अतीक अहमद और अशरफ को मारने वाला कौन  है ?

अतीक अहमद और अशरफ को मारने वाला में अपराधियों ने अपना पहचान लवलेश तिवारी,  मोहित और सनी और  अरुण कुमार मौर्य के रूप में की गई है. 

अतीक अहमद कौन था ?

अतीक अहमद उत्तर प्रदेश  के कुख्यात माफिया गैंग स्टार डॉन और राजनेता थे

अतीक अहमद का कुल संपत्ति कितना है

30 सालों में अतीक अहमद के पास से कुल 1600 करोड़ की अवैध संपत्ति पीढ़ी द्वारा जप्त की गई है इसके आधार पर अपनी चे अनुमान लगा सकते हैं की अतीक अहमद के पास कितने चल और अचल संपत्ति है. जबकि 2019 की चुनावी कल्पना में में माफिया अतीक अहमद ने 25 करोड़ की संपत्ति का खुलासा किया था. 

अतीक अहमद कितना बार विधायक बना ?

लगातार पांच बार विधायक बने और एक बार पार्लिमेंट संसद का सदस्य बना

अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की मौत कैसे हुई

15 अप्रैल 2023 को शनिवार रात 10:00 बज के 35 मिनट में अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ को लेकर पुलिस प्रयागराज मेडिकल कॉलेज पहुंची थी क्योंकि वहां पर अदालत द्वारा अनिवार्य चिकित्सा जांच के लिए ले  जाया गया था. जैसे पुलिस जीप से उतर कर अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ 15 से 20 कदम ही चले होंगे उसी वक्त मीडिया वालों ने उन्हें घेर लिया और वहां पर मीडिया वालों ने दोनों पर कुछ सवाल पूछने लगे.  इस वक्त अतीक अहमद और अशरफ दोनों मीडिया से गिरे हुए थे अचानक दो पत्रकारों ने अपना कैमरा और माइक गिरा दिया और  अतीक अहमद  और अशरफ पर  पिस्तौल से गोली चलाना शुरु कर दी.

  अतीक अहमद का बाप का नाम क्या है?

अतीक अहमद का बाप का नाम हाजी फिरोज अहमद था.

 अतीक अहमद का बाप क्या करता था?

अतीक अहमद का बाप हाजी फिरोज अहमद तांगा चलाया करता था.

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