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इस लेख में हम जानेंगे बृजभूषण शरण सिंह की जीवनी के बारे में, ब्रिज भूषण शरण सिंह वर्तमान में भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष हैं और उत्तर प्रदेश के कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र के सांसद भी है. ब्रिज भूषण शरण सिंह अक्सर अपने बेबाक बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं. कृष्ण भूषण खुद एक पहलवान रह चुके हैं. इन दिनों कृष्ण भूषण शरण सिंह पहलवानों के आंदोलन को लेकर काफी ज्यादा चर्चा में है. आइए जानते हैं विस्तार में बृजभूषण शरण सिंह की जीवनी के बारे में.
कौन है ब्रिज भूषण शरण सिंह? (Who is Brij Bhushan Sharan Singh )
ब्रिज भूषण शरण सिंह एक राजनेता है. और वर्तमान में उत्तर प्रदेश की कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं. साथ ही भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष भी हैं.
ब्रिज भूषण शरण सिंह कि जीवन परिचय (Brij Bhushan Sharan Singh Biography in Hindi)
नाम: | Brij Bhushan Sharan Singh |
पिता का नाम | Late Shri Jagdamba Sharan Singh |
मां का नाम | Smt. Pyari Devi Singh |
जन्म की तारीख | 08 जनवरी 1957 |
जन्म स्थान | बिश्नोहरपुर, जिला। गोंडा (उत्तर प्रदेश) |
पद | सांसद (सांसद), गोंडा |
योग्यता | M.A., LL.B. Educated at Saket Mahavidyalay, Avadh University, Faizabad, Uttar Pradesh |
राशिफल | मकर राशि |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | हिंदू |
शौक | गायन, लेखन ,घुड़सवारी, कुश्ती |
बृजभूषण सिंह के जन्म और शुरुआती जीवन ( Brij Bhushan Sharan Singh Birth & Early Life )
बृजभूषण शरण सिंह के जन्म 8 जनवरी 1957 में उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के बिस्नोहरपुर के एक राजपूत के परिवार में हुआ था. उनके पिता के नाम श्री जगदंबा शरण सिंह और माता का नाम श्रीमती प्यारी देवी सिंह है. बृजभूषण शरण सिंह स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय श्री चंद्रभान शरण सिंह के चाचा के भाई के पुत्र हैं.
उनके चाचा के भाई के दादा उन दिनों विधायक हुआ करते थे. ब्रिज भूषण शरण सिंह के परिवार में कुल 6 लोगों का परिवार रहा करता था.बृजभूषण शरण सिंह कुल 6 भाई थे जिसमें चार भाइयों की एक-एक करके मृत्यु हो गई. उस समय बृजभूषण शरण केवल 10 से 12 साल के थे तब उनके अपने बड़े भाई की उंगली पकड़कर खेतों में घूमा करते थे. लेकिन उनके तीनों भाइयों की दो से 3 साल के अंतराल में एक-एक करके मृत्यु हो गई.
ब्रिज भूषण शरण सिंह कि परिवार (Brij Bhushan Sharan Singh Family )
बृजभूषण शरण सिंह के माता-पिता के अलावा कुल चार भाई थे. बृजभूषण शरण भारतीय स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय श्री चंद्रभान शरण सिंह के चचेरे भाई के पोते थे. बृजभूषण शरण के चार भाइयों की मौत प्राकृतिक रूप से हुई थी. उस समय बृजभूषण शरण केवल 10 से लेकर 12 साल के ही थे. उनके सभी भाइयों की मृत्यु 2 से 3 साल के अंतराल में हुई थी.
ब्रिज भूषण शरण सिंह की शिक्षा (Brij Bhushan Sharan Singh Educations )
बृजभूषण शरण सिंह की प्राथमिक शिक्षा गांव में ही हुई थी. उन्होंने उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले श्री गांधी इंटर कॉलेज नवाबगंज से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई की. लेकिन उस वक्त उनके चार भाइयों की अचानक मृत्यु हो जाने के कारण पाटीदारों से दुश्मनी हो गई थी.
जिसके कारण निजी दुश्मनी के कारण स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि वह अपने स्कूल तक नहीं जा पाते थे. क्योंकि उनके घर से स्कूल 5 किलोमीटर की दूरी में था. उसके बाद बृजभूषण शरण सिंह की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनके परिवार ने 1972 में उनके आगे की पढ़ाई के लिए गोरखपुर के चोरा चोरी में उनके मामा के घर भेज दिया गया.
उन्होंने पढ़ाई के साथ साथ छात्र नेताओं से भी व्यक्तिगत संपर्क साझा किया. और उन्हें भी धीरे-धीरे राजनीतिक की ओर लगाओ बढ़ने लगा.
उसके बाद उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई करने के लिए साकेत महाविद्यालय अवध यूनिवर्सिटी फैजाबाद उत्तर प्रदेश में दाखिला लिया. और वहां से कानून विशेष स्नातक किया.पढ़ाई के साथ साथ उनमें राजनीतिक में ज्यादा मन लगने लगा और धीरे-धीरे वह छात्र नेता बन गए. उस वक्त सभी युवाओं ने उनका समर्थन किया और 1979 में भारी मतों से छात्र संघ का चुनाव जीता.
ब्रिज भूषण शरण सिंह की पत्नी और बच्चे (Brij Bhushan Sharan Singh Wife & children’s )
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
शादी की तारीख | 11 जून 1981 |
पत्नी का नाम | श्रीमती केतकी देवी सिंह |
पुत्रों की संख्या | शक्ति सरवन सिंह, प्रतीक भूषण सिंह |
बेटियों की संख्या | 1 |

नोट :- शक्ति शरण सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली या 4 को गोंडा जिला मैं ही अपने पैतृक घर पर इस घटना को अंजाम दिया था.
ब्रिज भूषण शरण सिंह पहलवान भी थे (Brij Bhushan Sharan Singh in Pahalwan )
बचपन से उन्हें अपनी सेहत से काफी लगाव और प्यार था. जिसके कारण वह रोज सुबह घुड़सवारी योग व्यायाम और कुश्ती किया करते थे. धीरे-धीरे उन्हें कुश्ती में जुनून बढ़ता गया और पहलवानी करने लगे. कुश्ती के क्षेत्र में वह उस समय के प्रसिद्ध पहलवानों स्वर्गीय जनार्दन सिंह रामाश्रय स्वर्गीय रामचंद्र पहलवान गंगा प्रसाद के साथ बहुत करीबी संबंध हुआ करता था.
ब्रिज भूषण शरण सिंह की राजनीतिक जीवन (Brij Bhushan Sharan Singh Political Life )
उत्तर प्रदेश के गोंडा के राजा श्री कौशलेंद्र दत्त राम ने उन्हें पूर्ण रूप से राजनीतिक में आने के लिए कहा. और उन्होंने 1987 में पहली बार गन्ना समिति के निदेशक के लिए चुनाव लड़ा था. जिसमें उन्हें केवल 33 वोट ही मिले थे. लेकिन राजा श्री कौशलेंद्र दत्त राम ने बाकी 27 वोटरों को प्रशासन से जबरदस्ती कंट्रोल में लिया. और अंत में नतीजा घोषित हुई तो ब्रिज भूषण शरण सिंह को वह 27 वोट भी मिले साथ ही विपक्ष को सिर्फ साहिब वोट मिले थे. उसके बाद बृजभूषण शरण ने प्रमुख ब्लॉकों के लिए अगला चुनाव लड़ा और 1988 में केवल 1 वोट से हार गए थे.
1989 और 1990 के बीच में उन्होंने विधान परिषद चुनाव लड़ने का फैसला किया. उस वक्त ए राजा श्री कौशलेंद्र दत्त राम बृजभूषण शरण सिंह को अपना बेटा की तरह मानते थे. और उन्हें भारतीय जनता पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ने के लिए कहा. क्योंकि उस वक्त गोंडा जिले को हिंदू नेता की जरूरत थी.
लेकिन पहला चुनाव में केवल 14 वोट से चुनाव हार गए फिर भी वह लोकप्रिय हिंदू नेता बनने में सफल रहे. उस वक्त राम जन्मभूमि आंदोलन जोरों से चल रहा था. जिसमें बृजभूषण शरण सिंह ने भी खुलकर समर्थन दिया साथी गोंडा के अलावा वह अयोध्या के संतों में भी काफी लोकप्रिय हो गए थे.
जब आडवाणी जेल से बाहर आए तो उन्होंने अपनी पहली यात्रा अयोध्या से शुरू की और उस गोंडा जिले से फरीदाबाद और फैजाबाद से अयोध्या घाट और अयोध्या से लखनऊ तक बृजभूषण चरण सिंह एक सारथी की तरह आडवाणी के साथ खड़े रहे. उन्होंने आडवाणी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन को संभाला. उस वक्त बृजभूषण शरण सिंह की लोकप्रियता को देखते हुए 1991 में आनंद सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा. इस चुनाव में ब्रिज भूषण शरण सिंह कूल 113000 वोट से जीत हासिल की और गोंडा जिले का सांसद बने.
उसके बाद ब्रिज भूषण शरण सिंह को TADA के कारण लॉक कर दिया गया. फिर भी बीजेपी के तरफ से उनकी पत्नी श्रीमती केतकी देवी को टिकट आनंद सिंह के खिलाफ लड़ने के लिए टिकट दिया गया और चुनाव में कुल 80000 वोट के अंतराल से जीत गई.
फिर ब्रिज भूषण शरण ने 1999 में बीजेपी ने बलरामपुर निर्वाचन क्षेत्र से टिकट दिया. जिसको वाजपेई जी की कर्मभूमि भी माना जाता था. और उस वक्त कुल 54000 मतों से चुनाव जीतने में सफल रहे.
उसके बाद फिर 2004 में 14 वीं लोकसभा में बृजभूषण शरण ने जीत हासिल की .इस दौरान बसपा के सुप्रीमो मायावती ने गोंडा जिले का नाम बदलकर लोकनायक जयप्रकाश नारायण नगर रखने का ऐलान किया था. लेकिन ब्रिज भूषण शरण सिंह ने इस फैसले पर विरोध के साथ आंदोलन किया.
और अंत में श्री अटल बिहारी वाजपेई के समर्थन से मायावती ने अपना निर्णय वापस ले ली, और गोंडा जिले का नाम वही रह गया. लेकिन कुछ संघर्ष के कारण बृजभूषण ने बीजेपी को छोड़ दिया और 2009 में सपा से कैसरगंज निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा. इस चुनाव में बृजभूषण चरण सिंह ने अपनी लोकप्रियता के दम पर फिर से 63000 मतों से जीत हासिल की. लेकिन सपा की और बृजभूषण के विचार बिल्कुल अलग होने के कारण. उन्होंने सपा से इस्तीफा दे दिया.
उसके बाद फिर 2014 में केसरगंज निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी में शामिल हो गए और इस चुनाव में कुल 73000 वोटों से जीत हासिल की.
ब्रिज भूषण शरण सिंह द्वारा समा ले गए पद (The post was taken over by Brij Bhushan Sharan Singh )
1991 | 10 वीं लोकसभा सदस्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सदस्य, परामर्शदात्री समिति, रेल मंत्रालय की स्थायी समिति के लिए निर्वाचित |
1999 | 13वीं लोकसभा के लिए पुन: निर्वाचित (दूसरा कार्यकाल) |
1999-2000 | सदस्य, रेल संबंधी स्थायी समिति सदस्य, श्रम संबंधी स्थायी समिति सदस्य, लोक लेखा समिति |
2000-2004 | सदस्य, परामर्शदात्री समिति, रेल मंत्रालय |
2004 | 14 वीं लोक सभा (तीसरा कार्यकाल) सदस्य, लोक लेखा समिति सदस्य, गृह मामलों की स्थायी समिति सदस्य, सलाहकार समिति, रक्षा मंत्रालय के लिए फिर से निर्वाचित |
5 अगस्त 2006 | सदस्य, गृह मामलों की स्थायी समिति |
5 अगस्त 2007 | सदस्य, गृह मामलों की स्थायी समिति |
1 मई 2008 | सदस्य, प्राक्कलन समिति |
2009 | 15वीं लोक सभा के लिए पुन: निर्वाचित (चौथा कार्यकाल) |
6 अगस्त 2009 | सदस्य, प्राक्कलन समिति |
31 अगस्त 2009 | सदस्य, मानव संसाधन विकास संबंधी स्थायी समिति |
1 मई 2010 | सदस्य, प्राक्कलन समिति |
9 जून 2013 | सदस्य, सदन समिति |
15 मार्च 2014 | 15वीं लोकसभा से इस्तीफा दिया। |
मई, 2014 | 16वीं लोक सभा के लिए पुन: निर्वाचित (पांचवां कार्यकाल) |
1 सितंबर 2014 के बाद | सदस्य, सभा की बैठकों से सदस्यों की अनुपस्थिति संबंधी समिति |
1 सितंबर 2014 – 31 अगस्त 2016 | सदस्य, खाद्य, उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण संबंधी स्थायी समिति |
सितंबर 2014 | सदस्य, परामर्शदात्री समिति, युवा मामले और खेल मंत्रालय |
1 सितंबर 2016 के बाद | सदस्य, शहरी विकास पर स्थायी समिति |

ब्रिज भूषण शरण सिंह कि सामाजिक प्रभाव और शिक्षा में योगदान ( Brij Bhushan Sharan Singh’s contribution to social impact and education )
शिक्षा मनुष्य के मार्ग को आलोकित करता है इसी को ध्यान में रखते हुए बृजभूषण शरण सिंह ने लगभग 54 संस्थान बनाएं जिसमें प्रत्येक संस्थान में 500 से लेकर 600 छात्र विशेष रूप से अपनी शिक्षा प्रदान करते हैं. उन्होंने सिर्फ अपने क्षेत्र में ही नहीं बल्कि अन्य जगहों पर भी स्कूल और संस्थाएं बनाएं. साथ ही स्कूल के गरीब छात्राओं को सालाना छात्रवृत्ति प्रदान कराते है. साथ ही मेघावी छात्रों को पुरस्कृत करने का व्यवस्था मिलाएं. बोर्ड परीक्षा में सर्वोच्च नंबर प्राप्त करने वाले छात्रों को स्वर्ण पदक से सम्मानित करने की व्यवस्था मिलाई.
ब्रिज भूषण शरण सिंह साहित्य प्रेमी (Brij Bhushan Sharan Singh Literature lover )
ब्रिज भूषण शरण सिंह को राजनीति के साथ-साथ लिखने और गाने का भी बहुत शौक है. उनमें साहित्य के प्रति काफी लगाव है.आपने देखा होगा अक्सर उनके भाषणों में वह कविताएं और गीत सुनाते रहते हैं.
बृजभूषण शरण सिंह पर्यावरण प्रेमी सांसद ( Brij Bhushan Sharan Singh Environment lover MP)
ब्रिज भूषण शरण सिंह पर्यावरण को लेकर काफी सतर्क रहते हैं. उन्होंने अपने जिले गोंडा को हरा भरा बनाने के लिए ग्रीन गोंडा का नाम भी दिया था. उन्होंने स्वयं आसपास के क्षेत्र में 500000 से अधिक पेड़ भी लगाए हैं. क्योंकि बचपन से उन्हें प्राकृतिक से काफी लगाव है. उनकी यह प्रेरणा से लोगों ने और कार्यकर्ताओं ने 50 लाख से ज्यादा पौधे अभी तक लगाए हैं.
ब्रिज भूषण शरण सिंह के विवादे (Controversies of Brij Bhushan Sharan Singh )
बाबर मस्जिद विवाद
1993 में हुई बाबर मस्जिद विध्वंस मामला में बृजभूषण शरण सिंह को और उनके साथ साथ अन्य 39 लोगों को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया था. बाबर मस्जिद मामला में ब्रिज भूषण शरण सिंह मुख्य आरोपी माने जाते थे. हालांकि बाद में 2020 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उसे किंचित दें दी गई और बड़ी हो गया.
अंडरवर्ल्ड के दाऊद इब्राहिम से कनेक्शन के विवाद
जेजे अस्पताल शूटआउट के योजना में दाऊद इब्राहिम की मदद करने के और उनके गुर्गों को कथित रूप से सहायता करने के आरोप में अधिनियम ( टाडा) के तहत गिरफ्तार किया गया था. और बाद में 1999 में उन्हें रिहा कर दिया गया.
हत्या और कुबूल
2022 में वेब पोर्टल के इंटरव्यू में उन्होंने अपने करीबी दोस्त रविंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या करने की और यह बात कुबूल करने की आरोपी लगी .
राजनीतिक नेताओं पर अनुचित टिप्पणियां विवाद
2022 में ब्रिज भूषण ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी के नेता रिजवान खान और विधान परिषद के पूर्व सदस्य महफूज खान हिंदू थे. और उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर भी कमेंट करते हुए कहा था कि वह पागल है और चालाक आदमी है. ब्रिज भूषण शरण सिंह ने योगी आदित्यनाथ के बारे में भी टिप्पणी करते हुए उन्हें भगवान राम के बच्चे कहा था.
पहलवान यौन उत्पीड़न के आरोप
ब्रिज भूषण शरण सिंह भारत के रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के रूप में काम करते हैं.
2021 में एक जूनियर कुश्ती टूर्नामेंट के दौरान उन्होंने एक पहलवान को भारी मंच पर थप्पड़ मारा था जो कैमरा में कैद हो गया और काफी ज्यादा विवाद भी हुई थी.
जनवरी 2023 में बृजभूषण शरण सिंह द्वारा महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न के कारण महासंघ को भंग करने की मांग को लेकर ओलंपिक और विनेश फोगाट साक्षी मलिक और अन्य सहित अंतरराष्ट्रीय पहलवानों के एक समूह ने धरने का आयोजन किया. सरकार की निष्क्रियता के कारण अपने देश में विरोध को फिर से शुरू कर दिया गया प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से और उनकी तत्काल गिरफ्तारी की मांग की थी.
18 जनवरी 2023 को भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने नई दिल्ली में जंतर मंतर पर कुश्ती संघ के अध्यक्ष के खिलाफ प्रदर्शन किया और धरना दिया. विनेश फोगाट ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष ब्रिज भूषण शरण सिंह ने कुछ महिलाओं को परेशान करने और लड़कियों का योन उत्पीड़न करने का भी आरोप लगाया.
लेकिन बाद में बृजभूषण शरण सिंह ने आरोप से इनकार करते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न की कोई घटना नहीं हुई थी उन्होंने यह भी सवाल किया कि विरोध करने वाले पहलवानों ने पिछले 10 सालों से महासंघ से कभी संपर्क क्यों नहीं किया और कहा कि अगर आरोप सही साबित हुए तो वह खुद को फांसी लगा लेंगे.
अप्रैल 2023 में कुछ सूत्रों के अनुसार ब्रिज भूषण शरण सिंह पर लगी आरोप साबित नहीं हो सकी. और 23 अप्रैल 2023 को बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज करने की मांग को लेकर पहलवान फिर से जंतरम मंत्रम पर धरने पर बैठ गए. पहलवानों ने दावा किया है कि उनसे किए गए वादे पूरे नहीं किए गए और आश्वासन के बावजूद उनकी मांगे पूरी नहीं की गई .
25 अप्रैल 2023 को 7 पहलवानों ने बृज भूषण के खिलाफ f.i.r. की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था जिसके बाद दिल्ली के शीर्ष अदालत में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए पुलिस से जवाब भी मांगा था और कहा था कि ब्रिज भूषण शरण सिंह के खिलाफ f.i.r. क्यों नहीं दर्ज किए गए? इसके बाद 28 अप्रैल या 23 को दिल्ली पुलिस ने बृज भूषण के खिलाफ 2 प्राथमिक दर्ज की जिसमें एक नाबालिग पहलवान के आरोप से संबंधित ही पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज की गई.
और दूसरी महिला पहलवानों की शिकायतों पर आधारित थी जिसमें बृजभूषण के करीबी सहयोगी और महासंघ के सहायक सचिव विनोद तोमर का भी नाम शामिल है. ब्रिज भूषण शरण सिंह ने अपने ऊपर लगे एफ आई आर के बाद प्रदर्शनकारियों को कांग्रेस के हाथों की कठपुतली बताते हुए कहा कि कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा और पहलवान बजरंग पुनिया ने उनके खिलाफ साजिश रची है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विरोध के पीछे मुख्य कारण परिवार कुश्ती निकाय पर कब्जा करना चाहता है.
पहलवानों के इस विरोध धारणा के दूसरे चरण में अभी तक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आतिशी और सौरभ भारद्वाज और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी सहित कहीं राजनेताओं ने विरोध स्थल का दौरा किया साथी पप्पू यादव ने और सत्यपाल मलिक ने भी घटनास्थल का दौरा किया था.
बृजभूषण शरण सिंह के महत्वपूर्ण और रोचक तथ्य (Important and interesting facts of Brij Bhushan Sharan Singh)
- ब्रिज भूषण शरण सिंह ने अपने पढ़ाई अयोध्या के के साकेत पीजी कॉलेज में कानून की पढ़ाई की है साथ ही छात्र संघ के नेता भी बने.
- बृजभूषण शरण सिंह के पास कई गाय, कुत्ते और घोड़े हैं.
- 2090 में अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल रहे.
- 2015 में उन्हें यूनाइटेड रेसलिंग वर्ल्ड एशियाई उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था.
- उन्होंने कई बार तीन दिवसीय कुश्ती का आयोजन भी किया था जिसमें कई पेशेवर भारतीय पहलवानों ने भी भाग लिया.
- 2021 में ब्रिज भूषण शरण सिंह ओलंपिक खेल के सदस्य बने.
- बृजभूषण सिंह के पास दो प्राइवेट हेलीकॉप्टर भी है.
- बृजभूषण शरण सिंह अपने फिटनेस को लेकर काफी सतर्क रहते हैं.
ब्रिज भूषण शरण सिंह की कुल संपत्ति ( Brij Bhushan Sharan Singh Net Worth )
बीजेपी के सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के पास करोड़ों की संपत्ति है. उन्होंने 2019 में हुई चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया था जिसमें 10 करोड़ से भी अधिक की चल और अचल संपत्ति होने का दावा किया गया है.
इसके अलावा उनके पास लग्जरी कारों की कलेक्शन भी है क्योंकि वह गाड़ियों की बहुत शौकीन है उनके पास Endevo, महिंद्रा स्कार्पियो जैसे गाड़ी शामिल है इसके अलावा उनके पत्नी के पास 6 करोड से भी अधिक का संपत्ति हैं. इसके अलावा उनके पास 1.5 करोड़ से भी अधिक चल संपत्ति और लग्जरी कारें और उनकी पत्नी के नाम पर अन्य 2 गाड़ियां भी हैं. साथी उनके पास 5000000 से ज्यादा का कमर्शियल मकान भी है और 2 करोड से अधिक आवासीय प्रॉपर्टी भी है.
बृजभूषण शरण सिंह लग्जरी कारों की शौकीन (Brij Bhushan Sharan Singh fond of luxury cars )
बृजभूषण सिंह के पास 800000 की एंडेवर, 8 लाख से ज्यादा कीमत की स्कॉर्पियो, महिंद्रा थार, और उनकी पत्नी के पास 18 से अधिक का टोयोटा और 2000000 की फॉर्च्यूनर कार भी है, इसके अलावा उनके पास 50 ग्राम और पत्नी के पास 200 ग्राम सोना है.
ब्रिज भूषण शरण सिंह हथियारों का शौक इन (Brij Bhushan Sharan Singh is fond of weapons )
ब्रिज भूषण शरण सिंह संपत्ति और लग्जरी गाड़ियों के अलावा उनके पास 5 हथियार भी है जिसमें अपने नाम पर एक पिस्तौल एक राइफल और एक रिपीटर है जबकि पत्नी के नाम पर एक राइफल और एक रिपीटर है. उनके पास करीब दो करोड़ से भी ज्यादा का खेतिहर जमीन भी है. साथ ही 3 करोड़ से ज्यादा का नल एग्रीकल्चर जमीन भी है.
बृजभूषण शरण सिंह की सोशल मीडिया अकाउंट (Social Media Account of Brij Bhushan Singh )
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FAQs
कौन है ब्रिज भूषण शरण सिंह ?
ब्रिज भूषण शरण सिंह एक राजनेता है. और वर्तमान में उत्तर प्रदेश की कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं. साथ ही भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष भी हैं.
बृजभूषण शरण सिंह की प्रॉपर्टी कितना है?
बीजेपी के सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के पास करोड़ों की संपत्ति है. उन्होंने 2019 में हुई चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया था जिसमें 10 करोड़ से भी अधिक की चल और अचल संपत्ति होने का दावा किया गया है.
बृजभूषण शरण सिंह कितना बार सांसद बने ?
ब्रिज भूषण शरण 6 बार संसद बने.
बृजभूषण शरण सिंह की जन्म कब हुई?
08 जनवरी 1957
बृजभूषण शरण सिंह की पत्नी का नाम क्या है?
श्रीमती केतकी देवी सिंह
निष्कर्ष
इस लेख में हमने जाना भी भूषण शरण सिंह के जीवन परिचय ( बायोग्राफी ) के बारे में आशा करता हूं आप लोगों को जरूर पसंद आई हो. यदि इस पोस्ट से रिलेटेड कोई सुझाव या सलाह है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में अपना राय दे सकते हैं पोस्ट को ध्यान से पढ़ने के लिए धन्यवाद.