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Rudraksha : रुद्राक्ष क्या है ? जाने रुद्राक्ष की महतव, फयादे और रुद्राक्ष की प्रकार, 21 types Rudraksha & effective

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रुद्राक्ष एक पवित्र फल है जिससे सूखने के बाद प्रयोग में लाया जाता है रुद्राक्ष (Rudraksha in hindi)  का उत्पादन पेड़ से होती है.  और इसे हिंदू  धर्म लगाए बुद्धिस्ट और सिखों द्वारा प्रार्थना की माला के रूप में भी उपयोग की जाती है.  रुद्राक्ष का उपयोग तब किया जाता है जब वह पेड़ में  तरीका से पक जाता है.

रुद्राक्ष जब पता है तब उसकी बाहरी परत नीले कलर से ढका हुआ रहता है.  इसीलिए इसे ब्लूबेरी मोती के रूप में भी जाना जाता है.  रुद्राक्ष की पेड़ कई प्रजाति के होती है. रुद्राक्ष की प्रयोग ऋषि यों तथा ज्योतिष और अन्य अत्याधुनिक कार्य  मैं प्रयोग या  पहने जाने वाले एक प्रसिद्ध रत्नों में से एक माना जाता है.

रुद्राक्ष की उत्पत्ति (Origin of Rudraksha )

शास्त्रों के अनुसार रुद्राक्ष (Rudraksha in hindi )का उत्पत्ति भगवान शिव के आंसू से हुआ  था.  जिसे स्वर्ग से पृथ्वी के बीच की सेतु के रूप में भी माना जाता है.  रुद्राक्ष ज्यादातर  भारत,  इंडोनेशिया और नेपाल जैसे देशों में पाया जाता है. पूरी दुनिया में रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर 21 मुखी तक का पाया जाता है.  और प्रत्येक रुद्राक्ष की प्रकार मैं एक अलग उद्देश्य और उपाय छुपी हुई रहती है.  जिसे  रुद्राक्ष की मुक्ति के अनुसार विभिन्न ना तरीका से विभाजन किया जाता है. 

रुद्राक्ष की महत्व (Important of Rudraksha)

शास्त्रों के अनुसार रुद्राक्ष(Rudraksha in hindi ) ऊर्जा से भरा हुआ एक शक्तिशाली आभूषण में से एक माना जाता है.  रुद्राक्ष की माला  को कमजोर दिल वाले नहीं धारण कर सकते हैं.  रुद्राक्ष को  बृहद रूप से स्वस्थ मन और आत्मा के लिए जाना जाता है.  शास्त्रों के अनुसार रुद्राक्ष के धारण करते समय किसी विशेषज्ञ  या  ज्योतिषी से सलाह लेकर धारण करनी चाहिए.

वह लोग आपको बताएंगे कि आप की जन्म कुंडली के हिसाब से रुद्राक्ष को कब और कैसे धारण करना चाहिए. रुद्राक्ष को कभी भी अपने मन से धारण नहीं करना चाहिए नहीं तो नकारात्मक प्रभाव  पड़ सकता है. 

ज्योतिषी लाभ पाने के लिए रुद्राक्ष कैसे धारण करें ?

  • रुद्राक्ष की धारण करने से पहले  एक अनुभवी विशेषज्ञ व ज्योतिषी सलाह या अभिमंत्रित  कर और अपनी जन्म कुंडली के अनुसार इसकी धारण करें ताकि  रुद्राक्ष की पूर्ण रूप से प्रभावी लाभ दे सके.
  • यदि आप रुद्राक्ष को धारण करना चाहते हैं तो इसे पैसे से खरीद करके धारण करें.  क्योंकि किसी और के पैसे से खरीदा हुआ रुद्राक्ष से आपको कुछ लाभ नहीं मिल सकेगा.
  •   यदि आप रुद्राक्ष की धारण करेंगे तो आपको नॉनवेज  और मदिरापान  को पूर्ण रूप से त्याग करना होगा.
  • रुद्राक्ष को धारण करने से पहले एक दिन को पूजा करवानी चाहिए और मंत्र उच्चारण करने के बाद ही इसे धारण करनी चाहिए.  ऐसे करने से आपको रुद्राक्ष से मिलने वाली पूर्ण लाभ मिलेगी.
  • रुद्राक्ष को कभी गंदे हाथों से ना सोए नहीं तो अपवित्र हो सकता है.
  • रुद्राक्ष धारण करने से पहले हमेशा दिल से साफ करके धारण करनी चाहिए.
  • बाजार में बहुत तरक्की रुद्राक्ष उपलब्ध है ऐसे में आपको  जिस प्रकार की रुद्राक्ष  की जरूरत है उसकी पहचान करके ही धारण करें.
  •  रुद्राक्ष धारण करने के बाद आपको नियमित रूप से भगवान महादेव का प्रार्थना करनी चाहिए.

 स्वास्थ्य के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने के फायदे

  • रुद्राक्ष के धारण से  आपकी जन्म कुंडली में रहे खराब ग्रहों के बुरे प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है.
  • रुद्राक्ष की धारण करने से जिन लोगों  अपने जीवन में पाप किया है और मुक्ति चाहते हैं तो उन्हें जरूर धारण करनी चाहिए.
  •  रुद्राक्ष के धारण से एक अलग किस्म की ऊर्जा और शक्ति प्राप्त होती है.
  •  रुद्राक्ष की धारण से उच्च रक्तचाप और तनाव से मुक्ति मिलने में मदद मिलती है.
  • रुद्राक्ष की धारण से सभी प्रकार के  चेचक जैसे सभी प्रकार के  चर्म रोग को ठीक करने में मदद  मिलती है.
  •  रुद्राक्ष की धारण से मिर्गी ही जैसे बीमारी और घावों की ठीक करने में मदद मिलती है.
  • रुद्राक्ष के धारण से चारों तरफ एक सुरक्षा कवच बना देती है.

राशि चक्र के अनुसार रुद्राक्ष  धारण करने के लाभ

राशि के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने से रुद्राक्ष कि प्रभाव और भी बढ़ जाती है.  जिससे आपकी जीवन पर बहुत ही लाभकारी असर डालता है.  रुद्राक्ष की धारण करने से सकारात्मकता ऊर्जा मिलती है और  जिन्हें ज्यादा गुस्सा आती है उससे भी कम  करता है.

 शास्त्रों के अनुसार पौराणिक रूप से रुद्राक्ष को बहुत ही अधिक महत्व दिया गया है.  क्योंकि रुद्राक्ष मैं एक ऐसी शक्ति है जिसके कारण रुद्राक्ष सभी प्रकार के ग्रहों का इलाज करने और अप्रत्यक्ष घटनाओं को संभालने में मदद करता है.  रुद्राक्ष लोगों की राशि चक्र ज्योतिषीय महत्व और स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का इलाज करने में भी मदद  करता है. 

रुद्राक्ष का पेड़

रुद्राक्ष की पेड़ दुनिया में 300 प्रजातियों में से 35 प्रजाति भारत में पाई जाती है. रुद्राक्ष के पेड़ की प्रमुख जातियों में से एक एलियोकार्पस गनीट्रस हैं. जिसका मतलब रुद्राक्ष वृक्ष होता है.  और यह पेड़ हिमालय की तलहटी में गंगा के मैदान से लेकर  नेपाल,  दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में भी पाए जाते हैं. 

 इस पेड़ की लंबाई 60 से 80 फिट  यानी कि 18 से 24 मीटर तक लंबी होती है. रुद्राक्ष के पेड़  काफी जल्दी बढ़ती है. जैसे जैसे पेड़ बढ़ते जाती है वैसे वैसे पेड़ बहुत ही जल्दी परिपक्व हो जाते हैं. रुद्राक्ष के पेड़ ऊपर की ओर उठती है और जमीन की स्थापना के साथ फैलती है.

 रुद्राक्ष की फल

रुद्राक्ष की पेड़ अंकुरण से तीन से चार साल में फल देना शुरू कर देता है.  और यह पेड़ सालाना 1000 से 2000 तक फल देती है.  इसी फल को रुद्राक्ष कहा जाता है.  इस फल को अमृत फल के रूप में भी जाना जाता है. रुद्राक्ष की फल का  पाईरेना जिसे एक गड्ढा वाली फल भी कहा जाता है.  रुद्राक्ष की फल बिदासर वाले स्थानों द्वारा कई खंडों में विभाजित किया जाता है.  जब रुद्राक्ष की फल पूरी तरह से पक जाता है तो हॉल में बाहरी नीली छिलकों से ढका हुआ जाता है.  उस छिलके को हटाने के बाद एक पूर्ण रुद्राक्ष तैयार होता है. 

रुद्राक्ष की उपयोग

रुद्राक्ष को एक माला के रूप में उपयोग किया जाता है रुद्राक्ष को मोतियों के रूप में एक साथ ही रोया जाता है जिसे गले में  पहना जाता है. रुद्राक्ष को आमतौर पर रेशमिया तालेया लाल सूती धागे पर पिरोया जाता है.  बहुत सारे लोग इसे जौहरी तांबे,  चांदी या सोने के तारों का भी उपयोग करते हैं. रुद्राक्ष की माला पहने की एक लंबी परंपरा है विशेष रूप से हिंदू धर्म  में भगवान शिव के साथ उनके जुड़ाव के कारण रुद्राक्ष की माला  धारण की जाती है. 

ज्यादातर माला में कूल 108 मनके का एक माला बनाया जाता है क्योंकि 108 को पवित्र माना जाता और लघु मंत्र का जप करने के लिए 108 उपयुक्त संख्या माना जाता है. अन्य रुद्राक्ष का मनका जिसे मेरु बिंदु या गुरु मनका कहा जाता है. जो 108 चक्र की शुरुआत और अंत को चिन्हित करने में मदद करता है. रुद्राक्ष की माला में प्राय 27+1, 54+1 या तो 108+1 के संयोजन में मोतियों होता है.  जो  भगवान शिव से जुड़े मंत्र ओम नमः शिवाय को अक्सर रुद्राक्ष की माला का उपयोग करने में लिया जाता है.

 रुद्राक्ष की प्रकार 

रुद्राक्ष 1 से लेकर 21  मुखी ( प्रकार,  चेहरे)  की होती है  ज्यादातर 4  से 6  मुखी वाली रुद्राक्ष आसानी से मिल जाती है लेकिन एक मुखी  रूद्राक्षा सबसे दुर्लभ होते हैं. रुद्राक्ष ज्यादातर भूरे रंग के होते हैं हालांकि सफेद लाल पीला या काले रंग का भी  पाए जाते हैं.  रुद्राक्ष ज्यादातर नेपाल इंडोनेशिया और भारत में पाया जाता है.रुद्राक्ष की प्रकार( मुखी) और धारण करने की विधि नीचे सूची में दिया गया है.

S.No.रुद्राक्ष की मुखी ( प्रकार )
1.1 मुखी रुद्राक्ष, लाभ और धारण करने की विधि
2.2 मुखी रुद्राक्ष, लाभ और धारण करने की विधि
3.3 मुखी रुद्राक्ष, लाभ और धारण करने की विधि
4.4 मुखी रुद्राक्ष, लाभ और धारण करने की विधि
5.5 मुखी रुद्राक्ष, लाभ और धारण करने की विधि
6.6 मुखी रुद्राक्ष, लाभ और धारण करने की विधि
7.7 मुखी रुद्राक्ष, लाभ और धारण करने की विधि
8.8 मुखी रुद्राक्ष, लाभ और धारण करने की विधि
9.9 मुखी रुद्राक्ष, लाभ और धारण करने की विधि
10.10 मुखी रुद्राक्ष, लाभ और धारण करने की विधि
11.11 मुखी रुद्राक्ष, लाभ और धारण करने की विधि
12.12 मुखी रुद्राक्ष, लाभ और धारण करने की विधि
13.13 मुखी रुद्राक्ष, लाभ और धारण करने की विधि
14.14 मुखी रुद्राक्ष, लाभ और धारण करने की विधि
15.15 मुखी रुद्राक्ष, लाभ और धारण करने की विधि
16.16 मुखी रुद्राक्ष, लाभ और धारण करने की विधि
17.17 मुखी रुद्राक्ष, लाभ और धारण करने की विधि
18.18 मुखी रुद्राक्ष, लाभ और धारण करने की विधि
19.19 मुखी रुद्राक्ष, लाभ और धारण करने की विधि
20.20 मुखी रुद्राक्ष, लाभ और धारण करने की विधि
21.21 मुखी रुद्राक्ष, लाभ और धारण करने की विधि

यह भी पढ़ें

 निष्कर्ष

 लेख में हमने जाना रुद्राक्ष क्या है, रुद्राक्ष का महत्व,  रुद्राक्ष पहनने का फायदा,  रुद्राक्ष धारण करने का तरीका  इत्यादि  आशा करता हूं आप लोग को यह लेख जरूर पसंद आई हो.  किसी तरह का कोई सुझाव या साला है तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट जरूर करें धन्यवाद.

FAQs

Q. रुद्राक्ष कितने दिनों में असर करता है?

A. सिद्ध किया हुआ रुद्राक्ष 6 से लेकर 7 दिन के अंदर सर करना शुरू कर देता है.

Q. कौन सा रुद्राक्ष सबसे अच्छा होता है?

A. पांच मुखी रुद्राक्ष सबसे अच्छा माना जाता है.

Q. रुद्राक्ष का मतलब क्या है ?

A. रुद्राक्ष एक पवित्र फल है जिससे सूखने के बाद प्रयोग में लाया जाता है रुद्राक्ष (Rudraksha in hindi)  का उत्पादन पेड़ से होती है.  और इसे हिंदू  धर्म लगाए बुद्धिस्ट और सिखों द्वारा प्रार्थना की माला के रूप में भी उपयोग की जाती है.  रुद्राक्ष का उपयोग तब किया जाता है जब वह पेड़ में  तरीका से पक जाता है.

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